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कैवल्याश्रम

कैवल्याश्रम आपको शुद्ध ज्ञान मार्ग पर चलने का अवसर प्रदान करता है। अद्वैत और वेदांत दर्शन के माध्यम से हमारे निःशुल्क त्रिज्ञान कार्यक्रम साधकों को आत्म-ज्ञान की यात्रा में मार्गदर्शन देते हैं।

“त्रिज्ञान कार्यक्रम ज्ञान मार्ग पर आधारित हैं और पूर्णतः निःशुल्क हैं”

"कैवल्य संदेश" - मासिक पत्रिका

अद्वैत, वेदांत और ज्ञान मार्ग पर विशेष लेख, ध्यान तकनीकें और आश्रम गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करें।

Maa Shoonya

माँ शून्य

नमस्कार!

माँ शून्य एक प्रसिद्ध ज्ञान मार्ग की आध्यात्मिक गुरु और प्रचारक हैं। उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करना है। वे अपने शिष्यों और साधकों को जीवन के वास्तविक अर्थ और परम सत्य की ओर मार्गदर्शित करती हैं, जिससे वे अपने भीतर के आध्यात्मिक प्रकाश को पहचान सकें।

माँ शून्य अथक रूप से अद्वैत और वेदांत दर्शन के गहन ज्ञान को साधकों तक सरल भाषा में पहुँचाने का प्रयास करती हैं। उनकी विशेषता यह है कि वे जटिल दार्शनिक सिद्धांतों को इस तरह प्रस्तुत करती हैं कि हर साधक, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो, उसे आसानी से समझ सके। उनकी शिक्षा में व्यावहारिक उदाहरण और दैनिक जीवन से जुड़े अनुभव शामिल होते हैं।

गुरु क्षेत्र की असीम कृपा से ज्ञान का प्रसार शुरू हुआ और कैवल्य आश्रम (मेरठ, उत्तर प्रदेश) की स्थापना हुई। आश्रम का संचालन माँ शून्या द्वारा किया जाता है। यह आश्रम एक ऐसा स्थान है जहाँ शांति, सादगी और आत्म-अन्वेषण का वातावरण मिलता है। यहाँ साधकों को त्रिज्ञान कार्यक्रम के माध्यम से अपने वास्तविक स्वरूप को जानने का अवसर मिलता है।

माँ शून्य आवश्यकतानुसार ज्ञान मार्ग के अतिरिक्त अन्य मार्गों के साधकों का भी मार्गदर्शन करती हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति अपने भीतर परम सत्य की अनुभूति कर सकता है, बस आवश्यकता है सही मार्गदर्शन और निरंतर साधना की। आज के तनावपूर्ण जीवन में, माँ शून्या का ज्ञान मार्ग एक ऐसा प्रकाश है जो मनुष्य को उसके आंतरिक सत्य की ओर ले जाता है और दुःखों से मुक्ति का मार्ग दिखाता है।

त्रिज्ञान कार्यक्रम

आत्म ज्ञान
आत्म ज्ञान – मैं क्या हूँ?

आत्म ज्ञान त्रिज्ञान का पहला चरण है, जिसमें साधक अपने वास्तविक स्वरूप की खोज करता है। इसमें हम जानते हैं कि हम शरीर, मन और बुद्धि से परे हैं। माँ शून्या के मार्गदर्शन में साधक सरल भाषा में अपने आत्म स्वरूप से परिचित होते हैं और यह अनुभव करते हैं कि “मैं” कौन हूँ। और पढ़ें →

माया का ज्ञान
माया का ज्ञान – जगत क्या है?

माया का ज्ञान त्रिज्ञान का दूसरा महत्वपूर्ण चरण है, जिसमें हम इस भौतिक जगत की वास्तविकता को समझते हैं। वेदांत के अनुसार, जगत माया है – न पूर्णतः सत्य, न पूर्णतः असत्य। माँ शून्या इस जटिल अवधारणा को सरल उदाहरणों से समझाती हैं, जिससे साधक जगत के प्रति अपनी दृष्टि बदल सकें। और पढ़ें →

ब्रह्म ज्ञान
ब्रह्म ज्ञान – परम सत्य क्या है?

त्रिज्ञान का तीसरा और अंतिम चरण है ब्रह्म ज्ञान – परम सत्य की पहचान। यह ज्ञान बताता है कि ब्रह्म ही एकमात्र सत्य है, जो सर्वव्यापी, सर्वशक्तिमान और शाश्वत है। माँ शून्या के मार्गदर्शन में साधक इस परम सत्य का अनुभव करने की ओर बढ़ते हैं, जिससे जीवन में शांति और परमानंद की प्राप्ति होती है। और पढ़ें →

आश्रम में आयोजित कार्यक्रम

नियमित: प्रतिदिन

योग एवं ध्यान
स्थान: कैवल्याश्रम, मेरठ @ सुबह 6:00 बजे

प्रतिदिन सुबह आयोजित योग और ध्यान सत्र। इस नित्य साधना से शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति दोनों की प्राप्ति होती है। अनुभवी मार्गदर्शकों द्वारा संचालित यह सत्र सभी स्तर के साधकों के लिए उपयुक्त है। आसन, प्राणायाम और ध्यान की सरल विधियों का अभ्यास कराया जाता है।

ऑनलाइन सत्संग (सोमवार से शुक्रवार)

टेलीग्राम सत्संग
स्थान: टेलीग्राम @ शाम 6:00 बजे

सोमवार से शुक्रवार तक आयोजित निःशुल्क ऑनलाइन सत्संग कार्यक्रम। इस नियमित कार्यक्रम से आध्यात्मिक ज्ञान और मानसिक शांति दोनों की प्राप्ति होती है। अनुभवी मार्गदर्शकों द्वारा संचालित यह सत्र सभी स्तर के साधकों के लिए उपयुक्त है। सप्ताह के सभी कार्य दिवसों में यह कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित होता है।

नियमित: प्रत्येक रविवार

साप्ताहिक सत्संग
स्थान: कैवल्याश्रम, मेरठ @ दोपहर 1:00 से 2:00 बजे

रविवार दोपहर आयोजित इस सत्संग में माँ शून्या द्वारा अद्वैत और वेदांत दर्शन के विषयों पर चर्चा की जाती है। साधकों को अपने प्रश्नों के उत्तर पाने और आध्यात्मिक संदेहों का समाधान करने का सुनहरा अवसर। यह सत्संग ज्ञान मार्ग पर चलने वाले हर साधक के लिए लाभदायक है।

प्रत्येक सोमवार

अष्टावक्र महागीता प्रवचन
स्थान: टेलीग्राम पर शून्य बोधिसत्व ग्रुप

प्रत्येक सोमवार रात 10:00 बजे माँ शून्या द्वारा अष्टावक्र महागीता पर विशेष प्रवचन। अष्टावक्र महागीता अद्वैत वेदांत का महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो आत्म-ज्ञान के सिद्धांतों को सरल भाषा में प्रस्तुत करता है। माँ शून्या इन प्रवचनों में प्राचीन ज्ञान को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समझाती हैं। ग्रुप लिंक: शून्य बोधिसत्व ग्रुप

प्रत्येक शुक्रवार

ऑनलाइन सत्संग
स्थान: टेलीग्राम पर शून्य बोधिसत्व ग्रुप

प्रत्येक शुक्रवार रात 10:00 बजे आयोजित इस ऑनलाइन सत्संग में माँ शून्या द्वारा आध्यात्मिक विषयों पर गहन चर्चा की जाती है। टेलीग्राम के माध्यम से आप कहीं से भी इस ज्ञान यात्रा का हिस्सा बन सकते हैं। अद्वैत और वेदांत के सिद्धांतों को समझने और आध्यात्मिक प्रश्नों के समाधान का यह एक अनूठा अवसर है। हमारे ग्रुप से जुड़ने के लिए लिंक: शून्य बोधिसत्व ग्रुप

नियमित: मासिक

अप्पा दीपो भव
स्थान: कैवल्याश्रम, मेरठ

प्रत्येक माह आयोजित विशेष कार्यक्रम जिसमें गहन आध्यात्मिक चर्चा, विशेष ध्यान सत्र और सामूहिक भजन शामिल हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य साधकों को “स्वयं अपना दीप बनो” के मूल सिद्धांत से परिचित कराना है। साथ ही मासिक निःशुल्क चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया जाता है।

Tatv Social Welfare and Education Trust

तत्व ट्रस्ट का लक्ष्य ज्ञान के प्रसार के साथ-साथ सामाजिक कल्याण की दिशा में कार्य करना है। माँ शून्य बोधिसत्व के मार्गदर्शन में स्थापित यह ट्रस्ट समाज के सशक्तिकरण और उज्जवल भविष्य के निर्माण में समर्पित है। कैवल्याश्रम इसी पवित्र उद्देश्य का एक अभिन्न अंग है।

अध्यक्ष: माँ शून्य बोधिसत्व